
तिल्दा-नेवरा। ग्राम पंचायत तुलसी (वार्ड क्र. 1, साईं धाम रोड, व्यंकटेश मंदिर) में आबादी भूमि के पट्टों की बंदरबांट का गंभीर मामला प्रकाश में आया है। ग्रामीणों का आरोप है कि पूर्व सरपंच ने सचिव की मिलीभगत से शासकीय भूमि का अवैध रूप से आबंटन कर बाहरी एवं रसूखदार लोगों को फायदा पहुँचाया, वहीं वास्तविक हकदार ग्रामीणों को उनके अधिकार से वंचित कर दिया गया।
जानकारी के अनुसार, गोवर्धन पिता स्व. मोहन लाल के परिवार की वह भूमि जिस पर पिछले 40 वर्षों से कृषि कार्य किया जा रहा है और जिसका प्रकरण वर्तमान में उच्च न्यायालय में लंबित है, उसे भी अवैध रूप से अन्य व्यक्तियों के नाम पट्टे में दर्ज कर दिया गया। इतना ही नहीं, खसरा नंबर 469/1 की शासकीय भूमि का भी नामांतरण कर बाहरी व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने का आरोप सामने आया है।
ग्रामीणों का कहना है कि इस गड़बड़ी के दौरान मात्र 2000 रुपए की रसीद काटकर 25 से 30 हजार रुपए तक की अवैध वसूली की गई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इस पूरे खेल में पूर्व सरपंच के साथ-साथ वर्तमान सरपंच की भी मिलीभगत है।
ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत स्तर पर कई बार आवेदन देने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हुई। तहसीलदार, एसडीएम, कलेक्टर, अपर कलेक्टर और यहाँ तक कि राजस्व मंत्री को भी गुमराह करते हुए गलत सूची के आधार पर पट्टों का आबंटन कर दिया गया।
गोवर्धन के परिवार के समर्थन में स्थानीय लोग भी आगे आए हैं। मोहल्ले के निवासियों ने एकजुट होकर प्रशासन से गुहार लगाई है कि इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की जाए, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो और अवैध रूप से जारी पट्टों को तत्काल निरस्त कर वास्तविक हकदारों को उनका अधिकार लौटाया जाए।
