
तिल्दा नेवरा। शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर इस वर्ष नगरवासियों को एक अनोखा और ऐतिहासिक आयोजन देखने को मिला। पहली बार माता रानी को बाल रूप में विराजमान किया गया, जिसने भक्तों के हृदय को श्रद्धा और भक्ति भाव से भर दिया। पूरा नगर माता रानी की जयकारों से गूंज उठा।
महाकाली मंदिर में देवी दुर्गा की बालिका स्वरूप प्रतिमा को विशेष रूप से तैयार कराया गया है। प्रतिमा में माता रानी को बाल रूप में सिंह पर सवार दिखाया गया है। उनकी मोहक मुस्कान और सौम्य भाव देखकर श्रद्धालु अभिभूत हो रहे हैं।
महाकाली मंदिर के संरक्षक योगी राजानाथ (राजा वाधवा) जी ने बताया कि—
“इस वर्ष हमने माता को बाल रूप में विराजमान करने का संकल्प लिया था। इसका उद्देश्य समाज में कन्या पूजन की परंपरा को बढ़ावा देना और नारी सशक्तिकरण का संदेश देना है।”
भव्य सजावट और धार्मिक आयोजन
मंदिर परिसर को रंग-बिरंगी लाइटों, फूलों और पारंपरिक सजावट से सुसज्जित किया गया है। प्रत्येक शाम माता रानी की आरती और भजन संध्या का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होकर भक्ति रस का आनंद ले रहे हैं।
भक्तों की भावनाएँ
एक श्रद्धालु ने भावुक होकर कहा— “आज माता रानी को इस रूप में देखकर ऐसा लगा जैसे साक्षात चंडी बालिका हमारे बीच आ गई हों।”
वहीं दूसरे श्रद्धालु ने कहा— “यह रूप हमें याद दिलाता है कि नारी बचपन से ही शक्ति स्वरूपा है।”
नगर में इस अनूठी पहल की चर्चा चारों ओर है और श्रद्धालु इसे ऐतिहासिक व अविस्मरणीय अनुभव मान रहे हैं।
