

तिल्दा नेवरा। नगर की स्थिति इन दिनों बेहद चिंताजनक हो गई है। पूरे 22 वार्डों में सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं और नालियों की सफाई महीनों से नहीं हुई। गली-मोहल्लों में गंदगी और बदबू से लोगों का जीना दूभर हो गया है।
इतना ही नहीं, नगर का प्रमुख गार्डन भी उपेक्षा का शिकार है। गार्डन में न तो कोई माली नियुक्त है और न ही नियमित सफाई हो रही है। गंदगी फैली रहती है और बच्चों के लिए लगाए गए झूले टूटकर जंग खा रहे हैं। परिवारों के लिए पिकनिक स्थल समझे जाने वाले इस गार्डन की हालत अब बच्चों के लिए खतरनाक हो चुकी है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नगर पालिका में कार्यरत कई सफाईकर्मी महीनों से तनख़्वाह नहीं पा रहे हैं। इसका सीधा असर गार्डन और वार्डों की साफ-सफाई पर पड़ा है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है –
“अध्यक्ष जी के वादे सिर्फ चुनावी जुमले साबित हुए हैं।”
“22 वार्डों और गार्डन में सफाई नाम की कोई व्यवस्था नहीं बची।”
“कर्मचारियों को तनख़्वाह नहीं मिलेगी तो सफाई कैसे होगी?”
“अध्यक्ष जी को जनता की समस्याओं से ज़्यादा मंत्री के साथ फोटो खिंचाने की फुर्सत है। कभी वार्डों में नहीं आतीं, बस मंत्रियों के काफ़िले में अपनी गाड़ी लगाकर घूमती दिखती हैं।”
नागरिकों ने नगर पालिका प्रशासन से मांग की है कि कर्मचारियों का वेतन तुरंत जारी कर सफाई व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए और गार्डन की मरम्मत व बच्चों के झूले ठीक कराए जाएँ।

